श्रीजनक-दुलारीजी – आरती
श्रीजनक-दुलारीजी – आरती आरति श्रीजनक-दुलारीकी। सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥ टेक ॥ जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत-विहारिणि, परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया…
श्रीजनक-दुलारीजी – आरती आरति श्रीजनक-दुलारीकी। सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥ टेक ॥ जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत-विहारिणि, परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया…
भगवान् श्रीसीताराम आरती भगवान् श्रीसीताराम जयति श्रीजानकिबल्लभ लाल, करूँ तव आरति होय निहाल ।। सीस पर क्रीट मुकुट झलकैं, कपोलन…
श्रीराम-वन्दन नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्ग सीतासमारोपितवामभागम् । पाणौ महाशायकचारुचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम् ॥ भगवान् श्रीजानकीनाथकी आरती जय जानकिनाथा, जय श्रीरघुनाथा । दोउ कर…
भगवान् महादेव – आरती हर हर हर महादेव ! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव ! सबके स्वामी । अविकारी, अविनाशी, अज,…
श्रीविष्णु-वन्दना – आरती सशङ्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम् । सहारवक्षःस्थलकौस्तुभश्रियं नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम् ॥ भगवान् श्रीसत्यनारायणजी जय लक्ष्मीरमणा, श्रीलक्ष्मीरमणा। सत्यनारायण…
सर्वरूप हरि-वन्दन यं शैवाः समुपासते शिव इति ब्रह्मेति वेदान्तिनो बौद्धा बुद्ध इति प्रमाणपटवः कर्तेति नैयायिकाः । अर्हन्नित्यथ जैनशासनरताः कर्मेति मीमांसकाः…
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
शनि देव को न्याय के देवता और कर्मों के फलदाता के रूप में पूजा जाता है। वे भगवान सूर्य और देवी छाया के पुत्र हैं।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अंबे दुःख हरनी।।
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी।।
श्री दुर्गा चालीसा पढ़ने का महत्व, इसके लाभ, सही समय और तरीका जानें। इस ब्लॉग में जानें कि कैसे दुर्गा चालीसा पढ़ने से जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति प्राप्त की जा सकती है।